Thursday, December 13, 2012


12-दिसंबर-2012 19:12 IST
रियल स्‍टेट परियोजनाओं के लिए निगरानी तंत्र 
           Courtesy photo
आवास एवं शहरी गरीबी उन्‍मूलन मंत्री श्री अजय माकन ने बताया कि मुंबई और कोलकाता के लिए रियल एस्‍टेट परियोजनाओं को समय से पूरा करने पर निगरानी रखने के लिए महाराष्‍ट्र ओनरशिप फ्लैटस (निर्माण, बिक्री, प्रबंधन अैर अंतरण के संवर्धन का विनियमन) अधिनियम, 1963 और पश्चिम बंगाल भवन (प्रमोटरों द्वारा निर्माण और अंतरण के संवर्धन का विनियमन) अधिनियम 1993 संबंधित राज्‍य सरकारों को समर्थ बनाते हैं। 
श्री माकन ने आज राज्‍यसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि विभिन्‍न राज्‍यों जैसे महाराष्‍ट्र, पंजाब, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आध्र प्रदेश में क्रमश: महाराष्‍ट्र ओनरशिप फ्लैटस (निर्माण, बिक्री, प्रबंधन और अंतरण के संवर्धन का विनियमन) अधिनियम, 1963, पंजाब अपार्टमेंट एवं सम्‍पदा विनियमन अधिनियम, 1955, उत्‍तर प्रदेश फ्लेटों का स्‍वामित्‍व अधिनियम, 1975, पश्चिम बंगाल भवन (प्रमोटरों द्वारा निर्माण और अंतरण के संवर्धन का विनियमन) अधिनियम, 1993 और आंध्र प्रदेश अपार्टमेंट (निर्माण एवं स्‍वामित्‍व का संवर्धन) अधिनियम, 1987 के माध्‍यम से निर्माताओं और क्रेताओं के बीच विवादों के समाधान के लिए समर्थकारी प्रावधान बनाए गए हैं। रियल एस्‍टेट संबंधी लेन-देन में प्रकट, निष्‍पक्ष व्‍यवहार और उत्‍तरदायित्‍वता मानदंडों एवं तीव्र गति से विवादों के समाधान के लिए तंत्र के प्रवर्तन के लिए एक समान विनियामक पर्यावरण उपलबध कराने के उद्देश्‍य से आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने सभी हितधारियों के साथ परामर्श से ‘रियल एस्‍टेट (विनियमन और विकास) विधेयक, 2012 शीर्षक से एक विधेयक का मसौदा तैयार किया है। उक्‍त विधेयक में विवादों के समाधान के लिए तंत्र के लिए प्रावधान किए गए हैं, क्‍योंकि इस विधेयक को संसद में प्रस्‍तुत करने के लिए आवश्‍यक अनुमति प्राप्‍त नहीं हुई है। इसलिए इसे अंतिम रूप देने के लिए इस समय कोई समयावधि निश्चित नहीं की जा सकती है। 
(PIB)
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